THE FACT ABOUT HINDI POETRY THAT NO ONE IS SUGGESTING

The Fact About Hindi poetry That No One Is Suggesting

The Fact About Hindi poetry That No One Is Suggesting

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उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में click here है

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

भावार्थ- इसमें कवि हरिवंश राय बच्चन सांत्वना देते रिश्तों की नाजुक अवस्था का वर्णन करते हुए यह बताना चाहते हैं कि संसार में हर रिश्ता एक ना एक दिन समाप्त होना ही है। यह अस्थाई है इस पर किसी का जोर नहीं है।इसमें कवि हरिवंश राय बच्चन अनेक उदाहरण देकर कहते हैं कि जो बीत गई सो बात गई!

प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,

नीत्‍वा नीलं सलिलवसनं मुक्‍तरोघोनितम्‍बम्।

काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब ।पल में प्रलय होएगी ,बहुरि करेगा कब।।

मैंने देखा है अभी अभी उसने बिक्रम के प्राण लिए जल्दी बोलो क्या करना है घनघोर घटा घिर जाएगी छिन गया उदय हाथों से यदि मुख पर कालिख लग जाएगी

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

जैसे कुछ शब्दों, पंक्तियों, विचारों और रंगों को

ले तिरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है 

शहरयार समकालीन जावेद अख़्तर समकालीन वसीम बरेलवी समकालीन बशर नवाज़ समकालीन सुदर्शन फ़ाकिर समकालीन "मुंबई" के और शायर

You can choose any of the above mentioned poems as per your viewers and would like them a cheerful and very pleased Independence Day.

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !

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